द फॉलोअप डेस्क
मांडू प्रखंड में पदस्थापित नाजिर मंजीत कुमार और एक पूर्व अनुबंध कर्मी भुवनेश्वर महतो उर्फ़ लूरक महतो ने बीडीओ का ही फर्जी साइन कर लाखों रुपए निकाल लिए। उनके इस कांड का खुलासा तब हुआ जब बैंक ने छह लाख का चेक रोक कर अधिकारियों से हस्ताक्षर का सत्यापन कराया। इस मामले में डीसी चंदन कुमार ने मंगलवार को दोनों कर्मियों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करने और निम्न वर्गीय लिपिक सह नाजिर मंजीत कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।
दर्ज होगी प्राथमिकी, नाजिर की नौकरी पर लटकी तलवार
डीसी चंदन कुमार ने बताया कि मांडू प्रखंड नजारत से प्रखंड विकास पदाधिकारी का फर्जी साइन कर 9.15 लाख रुपए की निकासी कर ली गई है। साथ ही 5.93 लाख रुपए की निकासी का असफल प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि इस गोरख धंधे में पूर्व अनुबंध दैनिक कर्मी भुनेश्वर महतो उर्फ़ लूरक महतो और निम्न वर्गीय लिपिक सह नाजिर मंजीत कुमार की संलिप्तता सामने आई है । उन दोनों के खिलाफ प्रखंड विकास पदाधिकारी, मांडू को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है। साथ ही मंजीत कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी आदेश जारी किया है कि मंजीत कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए।
जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में फर्जी हस्ताक्षर कर निकाला गया चेक
डीसी चंदन कुमार ने बताया कि भुवनेश्वर महतो और मंजीत कुमार के द्वारा जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में फर्जी हस्ताक्षर कर 6 चेक निकाले गए थे। इनमें से चार चेक को बैंक आफ इंडिया मांडू में भुगतान कराया गया है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के अनुसार 2 जुलाई 2024 को चेक संख्या 41751 से 2.40 लाख , 9 जुलाई 2024 को चेक संख्या 41775 से 2.30 लाख, 17 अगस्त 2024 को चेक संख्या 75202 से 1.15 लाख और 12 सितंबर 2024 को चेक संख्या 77320 से 3.30 लाख की फर्जी निकासी कर ली गई है। इन सारे चेक पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा 31 अगस्त 2024 को चेक संख्या 75716 से 3.20 लाख और 21 सितंबर 2024 को चेक संख्या 77308 से 2.73 लाख निकालने का प्रयास किया गया था। साइन में गड़बड़ी होने की आशंका से बैंक के अधिकारियों ने जब संपर्क किया, तो यह पूरा मामला उजागर हुआ।